Aspiration for wealth is Differentiates human from animal

Aspiration for wealth Differentiates human from animal
Aspiration for sustainability differentiates an agrarian folk from a pirate or nomad

Saturday, March 18, 2023

क्या हमारा देश भारत भविष्य में कभी अमेरिका की मुद्रा को पीछे छोड़ सकता है, यदि आपका जवाब हाँ है तो कैसे?

  1. भारत, अमेरिका की मुद्रा को; बिलकुल पीछे छोड़ सकता है और वह भी एक दशाब्दि के अंदर ही.
  2. जैसे ही हम ईंधन में आत्मनिर्भर हो जाएं और सारे युवाओं को आर्थिक रूप से काम में समायोजित कर लें, कल्पना करें सिर्फ 9 करोड़ लोग यानी कि 90 मिलियन यानि की हर 15 भारतीय में से एक व्यक्ति; 5 मिलियन भी प्रतिवर्ष बनाने लगें तो 450 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था मात्र 9 करोड लोगों के सहयोग से बनेगी.
  3. बाकी बचे हुए 14 आदमियों में; यह पैसा घूमने पर; अर्थव्यवस्था इसका 18 गुना होने वाली है. ऐसा हमने पहले भी देखा है. (देखें नीचे की सारणी)
  4. यह 18 गुना हो जाता है ₹8100 ट्रिलियन सालाना इकोनामी या ₹81/ डॉलर के हिसाब से 100 ट्रिलियन डॉलर प्रतिवर्ष.
  5. और चूंकी हमारा ईंधन आयात शून्य होगा, तब भी सारी दुनिया को अपने डाइनिंग टेबल पर; हमारे मसाले और मुर्दा मांस के बिना; स्वाद आने वाला नहीं है.
  6. सारी वैश्विक आईटी इंडस्ट्री का, हमारे इंजीनियरों के बिना; काम चलने वाला नहीं है.
  7. जब हमारी आत्मनिर्भरता की स्थिति 99% हो चुकेगी, तो बाकी बचे 1% के लिए; बाकी सारी दुनिया के निर्यातकों को; अपनी मुद्रा को; हम से नीचे ही रखना पड़ेगा; अन्यथा उनकी अर्थव्यवस्था डूबने वाली है; हमारी नहीं.
  8. यह सब संभव बनाने के लिए, ना हमें किसी वैश्विक समुदाय की; ना किसी शासन की; ना ही किसी आयतित तकनीकी की; आवश्यकता है.
  9. बस आवश्यकता है, तो सिर्फ और सिर्फ; हमारे अपने कमिटमेंट की.

    पर अब सवाल यह उठता है कि, 90 मिलियन लोग; 5 मिलियन सालाना बनाएंगे कैसे?

    • क्या आपको मालूम है कोकोकोला, आप ही के देश का पानी & शकर; आप ही के देश में बनी गाड़ीयों द्वारा; आप ही के देश में बनी हुई दुकानों पर बेच कर; कैसे पैसा बनाता है?
    • "इस प्रकार बनाए गए पैसे का कारण होता है; बौद्धिक संपदा में निवेश."
    • यही बौद्धिक संपदा में निवेश, पिछले 10 वर्ष से ईकोभारत में; हम कर रहे हैं. और इसमें लाभार्थी भागीदार; आप भी बन सकते हैं; आज ही अभी से.

    क्या आप, अपने आप को; अन्य 14 भारतीयों की तुलना में; आर्थिक रूप से अधिक सुदृढ़ बनाना चाहते हैं?

    यदि हां, तो आज ही निर्णय लें; और आगे बढ़ें

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    फुटनोट

सड़क और टायर

आपने पिछली बार कब किसी सड़क को फिर से बनते हुए देखा है? 

आपने पिछली बार कब अपने वाहन में पुराने टायरों की जगह नए टायरों को लगवाया?
जब आप अपना घर खरीदने या किराए पर लेने या रहने जाते हैं, तो आप अपने उस घर से सड़क तक पहुंच देखते हैं कि नहीं? 
क्या आपको पता है कि आपके घिसते हुए टायरों के फटे हुए कण और टूटी पुरानी सड़क कहाँ चली गई? 

क्या वे सड़क के वातावरण में नहीं चले गए?
क्या वे कण, सड़क के आस-पास जाकर नहीं बैठे?

क्या हम समझ सकते हैं, कि सड़क के नज़दीकी घर के पर्यावरण में जो भी कण हैं; वे हमारे श्वसन प्रणाली में भी जा रहे हैं कि नहीं?

क्या उसकी वजह से हमें; खांसी, छींक, गले में खराश, दमा, सिरदर्द और कैंसर तक की सारी बीमारियां नहीं हो रहीं?